जुनको फुरुता Case Story In Hindi
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जुनको फुरुता का मामला जापान के इतिहास में सबसे दर्दनाक और दिल दहला देने वाले अपराधों में से एक है। यह मामला 1988 में टोक्यो के निकट स्थित मिसाटो में हुआ था।
जुनको फुरुता एक 17 साल की लड़की थी, जिसे चार किशोरों ने अपहरण कर लिया था। इन चारों किशोरों ने उसे 44 दिनों तक अपने कब्जे में रखा और इस दौरान उसके साथ अमानवीय अत्याचार किए। उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
इन किशोरों ने जुनको को मारने के पहले दिन से ही लगातार यातनाएं दीं, जिसमें उसे भूखा रखना, बेरहमी से पीटना, और उसके साथ बार-बार बलात्कार करना शामिल था। जुनको को हर दिन नये-नये तरीकों से प्रताड़ित किया जाता था, और अंत में उसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह चलने-फिरने या बात करने की हालत में भी नहीं थी।
44 दिनों के बाद, 4 जनवरी 1989 को, जुनको की हत्या कर दी गई। उसके शरीर को एक ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया गया और एक सुनसान इलाके में फेंक दिया गया।
जब यह मामला सामने आया, तो पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई। चारों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उनकी उम्र कम होने के कारण उन्हें कठोर सजा नहीं दी गई। इस मामले ने जापान के न्याय प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया और समाज में गहरा आक्रोश पैदा किया।
जुनको फुरुता का मामला आज भी एक दर्दनाक उदाहरण के रूप में याद किया जाता है कि कैसे निर्दोष जीवन को क्रूरता से समाप्त किया जा सकता है और न्याय प्रणाली की खामियों की वजह से अपराधियों को सजा से बचने का मौका मिल सकता है।
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