एक अंधेरी रात || Horror Hindi Story
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💀💀💀 एक अंधेरी रात 💀💀💀
यह एक सर्दियों की रात थी। घड़ी की सूई 12 बजे का इशारा कर रही थी। हर तरफ सन्नाटा छाया हुआ था। मैं अपने पुराने गांव के एक छोटे से मकान में अकेला था। वह मकान बहुत पुराना था और उसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ थे, जो रात को और भी डरावना लगते थे।
मैंने सुन रखा था कि इस मकान में पहले भी अजीबो-गरीब घटनाएँ होती रही हैं, लेकिन मुझे इन बातों पर यकीन नहीं था। उसी रात अचानक बिजली चली गई और पूरे घर में अंधेरा छा गया। मैंने टॉर्च उठाई और देखा कि वह काम नहीं कर रही थी। मैं डर के मारे अपने बिस्तर में दुबक गया।
थोड़ी देर बाद, मुझे ऐसा लगा जैसे कोई खिड़की के पास खड़ा है। मैंने हिम्मत करके खिड़की की तरफ देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। तभी मुझे लगा कि किसी ने मेरे कानों के पास फुसफुसाया, "यहां से चले जाओ!" मैं घबरा गया और जल्दी से उठकर दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा जैसे जाम हो गया था।
तभी मुझे लगा कि कोई मेरे पीछे खड़ा है। मैंने पलटकर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। मैं और भी डर गया और फिर से दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगा। आखिरकार दरवाजा खुला और मैं बाहर भागा। बाहर आते ही मुझे लगा कि कोई मुझे देख रहा है, लेकिन जब मैंने चारों ओर देखा, तो वहां कोई नहीं था।
मैंने तय किया कि अब इस मकान में मैं एक रात भी नहीं रुकूंगा। मैंने अपनी गाड़ी निकाली और तेज़ी से शहर की तरफ निकल पड़ा। जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो वह पुराना मकान जैसे मुझे घूर रहा था, मानो कह रहा हो, "फिर कभी मत आना!"
उस रात के बाद, मैंने कभी उस मकान की तरफ वापस जाने की हिम्मत नहीं की। आज भी, जब मैं उस घटना को याद करता हूं, तो मेरी रूह कांप जाती है।
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