कब्रिस्तान का भूत || Horror Story In Hindi

कब्रिस्तान का भूत || Horror Story In Hindi

यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहां एक पुराना कब्रिस्तान था। गांव के लोग उस कब्रिस्तान से बेहद डरते थे, क्योंकि वहां के बारे में कई भयानक कहानियां मशहूर थीं। कहते थे कि रात के समय वहां एक भूत दिखाई देता था, जो अपने मरने की वजह से हर रोज़ चीखता और रोता था।


एक बार गांव में एक नया परिवार आया। इस परिवार में एक जवान लड़का था, जिसका नाम रमेश था। रमेश को गांव के लोग बहुत ही बहादुर मानते थे। जब उसने गांव के कब्रिस्तान की कहानियां सुनीं, तो उसने इसे महज एक अफवाह समझा और इसे खुद जाकर देखने का फैसला किया।


एक रात, रमेश ने हिम्मत जुटाई और कब्रिस्तान जाने की ठानी। वह आधी रात को, जब सब लोग सो रहे थे, कब्रिस्तान की तरफ चल पड़ा। चारों तरफ सन्नाटा था और पेड़ों की पत्तियां भी किसी डरावने गीत की तरह सरसराहट कर रही थीं। जैसे ही रमेश कब्रिस्तान में पहुंचा, उसे एक ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। उसने अपनी टॉर्च निकाली और इधर-उधर देखा, लेकिन कुछ भी अजीब नजर नहीं आया।


तभी अचानक, रमेश को कब्रिस्तान के बीचोंबीच एक पुरानी कब्र के पास कुछ हलचल महसूस हुई। उसने नजदीक जाकर देखा, तो उसे वहां एक धुंधली आकृति दिखाई दी। वह आकृति धीरे-धीरे साफ होने लगी और रमेश को एक आदमी का चेहरा नजर आने लगा, जो बहुत ही भयानक था। उस आदमी की आंखें गड्ढों जैसी गहरी और काली थीं, और उसका चेहरा बुरी तरह से जला हुआ था।


रमेश की सांसें रुक गईं और उसके शरीर में कंपकंपी होने लगी। वह आकृति धीरे-धीरे रमेश के पास आने लगी। तभी उसने भूत को चिल्लाते हुए सुना, "क्यों आया है यहां? मेरे अंत की गवाही लेने?" भूत की आवाज गहरी और गूंजती हुई थी, जिससे रमेश के पैरों तले जमीन खिसक गई। 


रमेश ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसके पैर मानो जड़ हो गए थे। वह अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहा था। भूत धीरे-धीरे उसके और करीब आ गया, और उसकी ठंडी सांसें रमेश के चेहरे पर महसूस होने लगीं। रमेश ने अपनी पूरी ताकत जुटाकर भगवान का नाम लिया और दौड़ने की कोशिश की, लेकिन भूत ने उसका हाथ पकड़ लिया।


भूत ने रमेश को अपनी ओर खींचा और उसकी आंखों में देखा। अचानक भूत जोर से चीखने लगा, "मुझे मेरी मौत का बदला चाहिए! मेरी आत्मा तभी मुक्त होगी!" रमेश को समझ नहीं आया कि क्या करे। वह डर से कांपने लगा। भूत ने अपनी कहानी सुनानी शुरू की। वह एक निर्दोष आदमी था जिसे इस गांव के लोगों ने बेवजह मार डाला था और उसे इस कब्रिस्तान में दफन कर दिया था। उसकी आत्मा अब भी न्याय की तलाश में भटक रही थी।


रमेश को अब अहसास हुआ कि भूत की आत्मा को शांति की जरूरत है। उसने भूत से वादा किया कि वह उसकी कहानी को सबके सामने लाएगा और न्याय दिलाएगा। यह सुनकर भूत का चेहरा नरम पड़ गया। उसने रमेश को छोड़ दिया और कहा, "अगर तुमने मेरा वादा पूरा किया, तो मैं हमेशा के लिए मुक्त हो जाऊंगा।"


रमेश ने हिम्मत जुटाई और गांव के बुजुर्गों के पास जाकर भूत की कहानी सुनाई। गांव वालों को अपनी गलती का अहसास हुआ, और उन्होंने उस आदमी की आत्मा के लिए एक पूजा का आयोजन किया। उस दिन के बाद, कब्रिस्तान से किसी भूत की आवाज कभी नहीं सुनी गई। रमेश ने अपना वादा निभाया, और उस भूत की आत्मा को शांति मिल गई।


लेकिन...

कुछ लोग कहते हैं कि अगर रात के समय कोई उस कब्रिस्तान के पास से गुजरता है, तो उसे अब भी एक ठंडी हवा का झोंका महसूस होता है, मानो कोई अदृश्य शक्ति अब भी वहां हो। रमेश ने अपने अनुभव को कभी नहीं भुलाया और गांव के लोग अब भी उस जगह से दूर ही रहते हैं।


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