सफलता का राज़ | Xafar Space
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प्रेरणादायक कहानी: सफलता का राज़
एक गाँव में एक वृद्ध साधु रहते थे, जिनकी बुद्धिमानी और जीवन के अनुभव के लिए दूर-दूर से लोग उनके पास सलाह लेने आते थे। एक दिन, एक युवा व्यक्ति उनके पास आया और बोला, "गुरुजी, मैं जीवन में सफल होना चाहता हूँ। कृपया मुझे सफलता का राज़ बताइए।"
साधु मुस्कुराए और बोले, "कल सुबह सूर्योदय से पहले नदी के किनारे आओ, मैं तुम्हें सफलता का राज़ बताऊंगा।"
युवा व्यक्ति उत्साहित हो गया और अगली सुबह सूर्योदय से पहले नदी के किनारे पहुँच गया। साधु ने उसे देखा और कहा, "चलो, नदी के अंदर चलते हैं।"
दोनों धीरे-धीरे पानी में आगे बढ़ने लगे। जब पानी उनकी गर्दन तक पहुँच गया, तो साधु ने अचानक युवक का सिर पकड़कर पानी के अंदर डुबो दिया। युवक घबराया, उसने अपने आप को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन साधु ने उसे तब तक नहीं छोड़ा जब तक वह लगभग सांसों के लिए तड़पने नहीं लगा।
फिर साधु ने उसे बाहर निकाला और युवक हाँफता हुआ बाहर निकला।
साधु ने पूछा, "जब तुम्हारा सिर पानी में था, तब तुम्हें सबसे अधिक क्या चाहिए था?"
युवक ने जल्दी से कहा, "सांस, गुरुजी! मुझे सिर्फ सांस चाहिए थी!"
साधु ने गंभीरता से कहा, "बिल्कुल सही! जब तुम्हें सफलता की इतनी ही ज़रूरत महसूस होगी, जितनी तुम्हें अभी सांस की थी, तब तुम सच में सफल हो जाओगे। सफलता का राज़ यही है कि तुम्हारे पास उसका प्रबल जुनून और दृढ़ निश्चय होना चाहिए।"
यह कहानी हमें सिखाती है कि सफलता केवल तब मिलती है जब हम उसे पाने के लिए पूरे दिल से मेहनत करते हैं और उसके लिए दृढ़ संकल्प रखते हैं। जब हमारी चाहत और मेहनत में कोई कमी नहीं रहती, तो सफलता भी निश्चित रूप से मिलती है।
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