एक अजनबी का रहस्य || Xafar Space
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एक अजनबी का रहस्य || Xafar Space
रात का समय था और शहर में चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था। एकांत सड़क पर चलती हुई एक कार अचानक रुक गई। कार से एक व्यक्ति बाहर निकला, जिसका चेहरा नकाब से ढका हुआ था। उसने इधर-उधर देखा और एक सुनसान घर की तरफ बढ़ने लगा।
उस घर में कई सालों से कोई नहीं रहता था, लेकिन हाल ही में उसमें हलचल देखी जा रही थी। वह अजनबी धीरे-धीरे घर के अंदर घुसा और अंधेरे में टॉर्च की रोशनी से रास्ता बनाते हुए एक कमरे में पहुंचा।
कमरे के बीचोंबीच एक पुराना संदूक रखा हुआ था। अजनबी ने उसे खोलने की कोशिश की, लेकिन ताला नहीं खुला। उसने अपनी जेब से चाबी निकाली और ताला खोल दिया। संदूक के अंदर पुरानी किताबें, कुछ तस्वीरें और एक छोटा सा बॉक्स था।
अजनबी ने वह बॉक्स खोला और अंदर से एक पुरानी डायरी निकाली। वह डायरी किसी राज़ को छुपाए हुए थी। अजनबी ने ध्यान से डायरी के पन्ने पलटने शुरू किए और एक खास पन्ने पर रुक गया। उस पन्ने पर एक नक्शा बना हुआ था, जो किसी गुप्त स्थान का संकेत दे रहा था।
अचानक, एक आवाज ने अजनबी को चौकन्ना कर दिया। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। उसने जल्दी से डायरी को बंद किया और बॉक्स में वापस रख दिया। वह संदूक बंद करके बाहर निकलने ही वाला था कि तभी घर के दरवाजे पर तेज़ दस्तक हुई।
अजनबी के दिल की धड़कन तेज़ हो गई। उसने धीरे-धीरे दरवाजा खोला और सामने खड़ी एक महिला को देखा। महिला के चेहरे पर गंभीरता और चिंता साफ झलक रही थी।
महिला ने कहा, "तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था। यह जगह खतरनाक है।"
अजनबी ने जवाब दिया, "मुझे सच जानना है। यह डायरी और नक्शा किस बारे में है?"
महिला ने धीरे से कहा, "यह एक पुराने खजाने का नक्शा है, जिसे कई लोग पाने की कोशिश में अपनी जान गवां चुके हैं। अगर तुम्हें अपनी जान प्यारी है तो इसे यहीं छोड़ दो और चले जाओ।"
अजनबी ने कुछ पल सोचा, फिर डायरी और नक्शे को वापस संदूक में रख दिया और बिना कुछ कहे वहां से निकल गया। उस रात के बाद वह अजनबी कभी उस घर में नहीं लौटा और वह रहस्य हमेशा के लिए उसी घर में बंद रह गया।
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