रक्षाबंधन की कहानी || Xafar Space
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रक्षाबंधन की कहानी || Xafar Space
बहुत समय पहले, चित्तौड़ के राजा राणा सांगा का राज्य मुगलों के आक्रमण से जूझ रहा था। राणा सांगा ने बहादुरी से लड़ाई की, लेकिन मुगलों की सेना अधिक शक्तिशाली थी। ऐसे समय में चित्तौड़ की रानी कर्मवती ने मदद के लिए हुमायूं, जो मुगल सम्राट था, को राखी भेजने का निर्णय लिया।
रानी कर्मवती ने हुमायूं को राखी भेजते हुए उसे अपना भाई मान लिया और अपनी रक्षा के लिए उससे सहायता मांगी। हुमायूं ने रानी की राखी का सम्मान किया और तुरंत चित्तौड़ की रक्षा के लिए अपनी सेना के साथ निकल पड़ा। हुमायूं की मदद से चित्तौड़ को मुगलों के आक्रमण से बचाया जा सका।
रक्षाबंधन का यह किस्सा बताता है कि यह पर्व सिर्फ भाई-बहन के बीच के प्रेम का ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान का भी प्रतीक है। राखी का धागा न सिर्फ भाई की कलाई पर बंधता है, बल्कि उसके हृदय में भी एक अटूट बंधन बनाता है, जो हमेशा उसकी बहन की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है।
इस प्रकार, रक्षाबंधन का त्योहार हमें सिखाता है कि भाई-बहन का रिश्ता कितना महत्वपूर्ण और पवित्र होता है। यह पर्व हमें प्रेम, सुरक्षा और सम्मान का संदेश देता है, जो हमारे जीवन में सुख और शांति लाता है।
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