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खरगोश और कछुए की कहानी का मजेदार किस्सा || Hindi Kahani

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खरगोश और कछुए की कहानी का मजेदार किस्सा ||  Hindi Kahani यह कहानी है एक खरगोश और कछुए की, जो एक जंगल में रहते थे। खरगोश बहुत तेज दौड़ता था और इस पर उसे बहुत घमंड था। दूसरी ओर, कछुआ बहुत धीरे चलता था, लेकिन वह धैर्यवान और मेहनती था। एक दिन, खरगोश ने कछुए का मजाक उड़ाते हुए कहा, "तुम बहुत धीरे चलते हो। तुम्हारे साथ कोई भी दौड़ आसानी से जीत सकता है।" कछुए ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "हो सकता है, लेकिन क्यों न हम एक दौड़ लगाएं और देखें कौन जीतता है?" खरगोश ने हँसते हुए इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। दौड़ का दिन आया और सभी जानवरों ने एकत्र होकर दौड़ शुरू होने का इंतजार किया। दौड़ शुरू होते ही, खरगोश तेजी से दौड़ पड़ा और जल्दी ही कछुए से काफी आगे निकल गया। उसने देखा कि कछुआ अभी भी बहुत पीछे है, तो उसने सोचा कि क्यों न थोड़ा आराम कर लिया जाए। खरगोश एक पेड़ के नीचे लेट गया और जल्दी ही सो गया। कछुआ धीरे-धीरे लेकिन निरंतर आगे बढ़ता रहा। उसने बिना रुके अपनी यात्रा जारी रखी और आखिरकार खरगोश को सोते हुए देखा। कछुआ मुस्कुराया और चुपचाप आगे बढ़ता रहा। थोड़ी देर बाद, कछ

एक भूतिया बस की कहानी‌ || Horror Bus Story

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एक भूतिया बस की कहानी‌ || Horror Bus Story एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक पुराने, खड़खड़ाते बस की कहानी प्रचलित थी। गाँववाले कहते थे कि उस बस में रात के समय बहुत अजीब बातें होती थीं। एक रात, गाँव के एक युवक, अजय, ने उस बस से शहर जाने का फैसला किया। रात का समय था और बस बिलकुल सुनसान सड़क पर चल रही थी। अजय ने देखा कि बस में कोई और यात्री नहीं था। जैसे ही बस एक अंधेरे मोड़ पर पहुंची, अचानक बस की लाइटें बुझ गईं और अजय को अंधेरे में कुछ अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। बस अचानक रुक गई और एक ठंडी हवा चलने लगी। अजय ने खिड़की से बाहर देखा, लेकिन कुछ भी नहीं दिखा। अचानक, बस में हल्की-हल्की हंसी की आवाजें गूंजने लगीं। अजय ने महसूस किया कि जैसे कोई उसके पास आ रहा हो। डर के मारे अजय ने बस के ड्राइवर से बात करने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर की सीट पर कोई नहीं था। अजय ने हिम्मत करके ड्राइवर की सीट पर जाकर देखा और पाया कि ड्राइवर की जगह एक अधेड़ आदमी बैठा था, जिसकी आंखें पूरी तरह से खाली थीं। वह आदमी धीरे-धीरे हंस रहा था, और उसकी हंसी का स्वर अजय के रोंगटे खड़े कर रहा था। अजय ने जल्दी

हॉस्पिटल की नर्स का भूतिया किस्सा || Horror Story

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हॉस्पिटल की नर्स का भूतिया किस्सा एक छोटे से शहर के पुराने अस्पताल में, एक नर्स का भूतिया किस्सा मशहूर था। उस नर्स का नाम सुमित्रा था, जो कई साल पहले एक असामान्य मौत का शिकार हो गई थी। वह दिन-रात मरीजों की देखभाल करती थी और अपने काम के प्रति अत्यंत समर्पित थी। लेकिन एक रात, एक असाधारण घटना ने उसकी जीवन लीला को समाप्त कर दिया। सुमित्रा की मौत के बाद, कई लोग दावा करने लगे कि अस्पताल की रात की पारी में, उसे देखा जा सकता है। वे बताते हैं कि उसके पास सफेद कंबल और स्टीथोस्कोप होता है और वह मरीजों की देखभाल करने की कोशिश करती है, जैसे कि वह मर नहीं गई हो।  रात के समय, कई लोग अजीब-अजीब आवाजें सुनते, जैसे कि कोई बेतहाशा चल रहा हो या चुपके से कराह रहा हो। जो लोग इस अजीब स्थिति का सामना करते हैं, उनका कहना है कि वे सुमित्रा की उपस्थिति महसूस करते हैं, जो उनके पास आकर धीरे-धीरे लोरी गाती है या फिर बेजान शरीर को सांत्वना देती है। अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ के बीच, सुमित्रा की कहानी एक भूतिया किस्से की तरह फैल चुकी है। कुछ लोग मानते हैं कि उसकी आत्मा तब तक शांति नहीं पाएगी जब तक उसक

अस्पताल की पुरानी इमारत और उसकी खामोशी ||डरावनी कहानी

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शीर्शक‌:- अस्पताल की पुरानी इमारत और उसकी खामोशी डरावनी कहानी यह कहानी एक छोटे से गाँव के सरकारी अस्पताल की है। अस्पताल की पुरानी इमारत और उसकी खामोशी, रात की गहराई में एक अजीब सा डर पैदा करती थी। लोग कहते थे कि रात के समय वहाँ अजीब-अजीब घटनाएँ होती थीं, लेकिन किसी ने कभी खुलकर इस बारे में नहीं बताया। एक रात, अस्पताल के एक नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी पर रहना पड़ा। वह रात का सन्नाटा और अस्पताल की खाली गलियाँ उसे काफी डरावनी लग रही थीं। अचानक, उसे मरीजों के वार्ड में अजीब तरह की आवाजें सुनाई देने लगीं। जैसे कोई चुपचाप हंस रहा हो या कुछ बातें कर रहा हो। उसने सोचा कि शायद यह उसकी कल्पना का परिणाम हो, लेकिन जब आवाजें तेज़ होने लगीं, तो उसने इनकी ओर बढ़ने का निर्णय लिया। वह धीरे-धीरे आवाज की ओर बढ़ा और देखा कि एक वार्ड का दरवाजा हल्के से खुला हुआ था। उसने अंदर झाँका और देखा कि वहाँ एक बुढ़िया बैठी हुई थी, जिसकी आँखें चमक रही थीं। बुढ़िया ने उसे देखा और कहा, "तुमने हमारे साथ नहीं रहना चाहिए। यह जगह अब हमारे लिए है।" नर्स डर के मारे कांपने लगी और उसने वार्ड का दरवाजा बंद कर द

मिथिलेश और प्रीतु का जादुई साहसिक कार्य ||

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चंद्रपुर के विचित्र गाँव में, पहाड़ियों और प्राचीन जंगलों के बीच बसे, मिथिलेश और प्रीतु, दो अविभाज्य दोस्त रहते थे जो अपनी जिज्ञासा और रोमांच की भावना के लिए जाने जाते थे। मिथिलेश एक प्रतिभाशाली कलाकार था, जिसकी सुंदरता पर गहरी नजर थी, जबकि प्रीतू एक शौकीन पाठक थी और लोककथाओं और किंवदंतियों के प्रति आकर्षण रखती थी।  एक धूप भरी दोपहर में, गाँव के बाहरी इलाके की खोज करते समय, वे जंगल की ओर जाने वाले एक पुराने, ऊंचे-ऊंचे रास्ते पर ठोकर खा गए। मिथिलेश, हमेशा अपनी कला के लिए प्रेरणा की तलाश में रहते थे, यह देखने के लिए उत्सुक थे कि यह कहाँ तक जाती है, और प्रीतु, एक नई कहानी की खोज की संभावना से उत्सुक होकर, इसका अनुसरण करने के लिए सहमत हुई।  रास्ता जंगल की गहराई में चला गया और हवा ठंडी हो गई। थोड़ी देर बाद, उन्हें बेलों और काई से ढका हुआ एक प्राचीन पत्थर का तोरणद्वार मिला। पत्थर पर ऐसे प्रतीक उकेरे गए थे जिन्हें प्रितु ने भूली हुई किंवदंतियों के बारे में पढ़ी गई एक किताब से पहचाना था।  उत्साह और आशंका के मिश्रण के साथ, उन्होंने प्रवेशद्वार से होकर कदम रखा और खुद को एक जादुई समाश